मेरे जिगर में ज़ब्त-ए-गम ये खौलता क्यूँ है। मैं जो खामोश हूँ तो मेरा दर्द बोलता क्यूँ है।। ऐ खुदा तुझसे ये पहली सी मेरी शिकायत है। क्या तुझे मुझसे भी थोड़ी सी मोहब्बत है।। गर मोहब्बत है तो फिर मुझको तौलता क्यूँ है।। खाक करने के लिए मुझको बनाया […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
