बड़ी मुददत और श्रध्दा से चाहा है तुम्हें l बड़ी दुआओं और अच्छे कर्मो से पाया है तुम्हें I तुम ने भुलाने का सोचा भी कैसे प्रिये l किस्मत की लकीरों से हमने चुराया है तुम्हें।1 इसलिए कहता हूँ की जिसे निभा न सकूँ / ऐसा वादा में कभी नही […]
काव्यभाषा
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ग़ज़ल …………1 जख़्म कितने छुपाने पड़े। सौ बहाने बनाने पड़े। ==================== आँसुओं पर नज़र जब गई, हैं ख़ुशी के ,जताने पड़े। ==================== जो तरफ़दार बनकर मिले, नाज़ उनके उठाने पड़े। ==================== पास थे जो शिक़ायत,गिले, आज दिल से हटाने पड़े । ==================== जो ख़ुशी ने दिए फायदे, सब हवा में […]
