बड़ी मुददत और श्रध्दा से चाहा है तुम्हें l बड़ी दुआओं और अच्छे कर्मो से पाया है तुम्हें I तुम ने भुलाने का सोचा भी कैसे प्रिये l किस्मत की लकीरों से हमने चुराया है तुम्हें।1  इसलिए कहता हूँ की जिसे निभा न सकूँ /  ऐसा वादा में कभी नही […]

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ग़ज़ल …………1 जख़्म कितने छुपाने पड़े। सौ   बहाने  बनाने   पड़े। ==================== आँसुओं पर नज़र जब गई, हैं  ख़ुशी  के  ,जताने  पड़े। ==================== जो  तरफ़दार बनकर मिले, नाज़   उनके  उठाने   पड़े। ==================== पास थे जो शिक़ायत,गिले, आज दिल से हटाने   पड़े । ==================== जो ख़ुशी ने  दिए   फायदे, सब  हवा  में  […]

रफ़्ता रफ़्ता चल , ऐ जिंदगी। तुझे  दूर   तलक  जाना  है ।। मदहोशी का आलम , ऐ जिंदगी। तुझे अभी संभल कर चलना है।। बेशर्म सी खामोसी , ऐ जिंदगी। खोना नहीं सँभलना           है।। क्या है तकदीर की अगली चाल ,पता नही। बिछा बेईमानी का जाल जो पता नहीं।। मगरूर […]

कोई मन्दिर के लिए लड रहा है कोई मस्जिद के लिए लड रहा है जो लड रहा है न पूजा कर रहा है जो लड रहा है न इबादत कर रहा है लड़ना ही है तो देश के लिए लडो लड़ना ही है तो भूख के लिए लडो कुरीतियो और […]

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 खोलती हूँ रोज़ अपनी चाहत की किताब और पढती हूँ दिल के पन्नों  पे धड़कते तुम्हारे नाम को । उन पन्नों में कर रखे हैं रेखांकित मैंने एहसास के उन कोमल शब्दों को जिनके भावार्थ बहुत गहरे हैं । चिन्हित कर रखे हैं उन तारीखों को भी जिनमें क़ैद हैं […]

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सुबह से शाम तक कर्तव्य  निभाने  डटी रहती हूँ | मैं  अच्छी  हूँ या नही ये  जानने को आतुर  सी तुम्हारे  समक्ष  खड़ी  रहती  हूँ | बेटी ,पत्नी ,माँ  हर  रुप  में कर्तव्य  का  निर्वहन करती  हूँ | पर  अपने  इन  रूपों  का  सम्मान  खुद  कहाँ करती  हूँ | मैंने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।