इस बात का डर है वो कहीँ रूठ न जायें I नाजुक से है अरमान मेरे टूट न जायें l फूलों से भी नाजुक है उनके होठों की नरमी I सूरज झुलस जाये ऐसी सांसों की गरमी I इस हुस्न की मस्ती को कोई लूट न जाये I इस बात […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
पंखुड़ियों सी कोमल होती हैं -बेटियां धरती पर पाक अवतार होती है -बेटियां मासूम सा प्यार होती है- बेटियां ठंडी हवाएं सा सुकून देती है-बेटियां ओस सी पावन है -बेटियां इंद्रधनुषी रंगों की बौछार है- बेटियां घर का अभिमान है-बेटियां भोली सी मुस्कुराहट है-बेटियां मृदुहास बाटती हैं -बेटियां मुस्कुराकर पीड़ा […]
