शादी के पहले भी बिटिया के माथे बिंदिया सजती थी नाक में नथनी लटकती थी होंठों पे लाली लगती थी हाथों में चूड़ी खनकती थी मेहंदी ख़ूब रचती थी पैरों में पायल भी छनकती थी महावर पैरों में तब भी सजता था शादी के बाद बना मंगलसूत्र सुहाग की निशानी […]

करनकरावनहार है प्रभु तू साक्षी बनकर देख सब कुछ मिल जायेगा बस अपना बनाकर देख मांगने की दरकार नही जो चाहिए वही मिलेगा पिता है वह तुम्हारा बस तू बेटा बनकर देख सारे सुखो का सागर वो शांति का अधिनायक वो विकार दूर कर देगा सारे पवित्रता अपनाकर देख वह […]

मुझे अब मचलना आ गया है अंगारों पे  चलना आ गया  है जमाने से बहुत ठोकरें है मिली मुझे अब सम्हलना आ गया है किसे अपना कहते दगाबाज थे खुद को अब बदलना आ गया है मुश्किल रास्ते मुश्किल लगते नहीं हालातों पे अब ढ़लना आ गया है कदम मेरे […]

    राजनीति और समाज की बौध्दिक इकाइयों में मोदी-सरकार पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर के इस राजनीतिक आरोप पर व्यापक बहस होनी चाहिए कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत भारत को हिन्दू-पाकिस्तान बनने की दिशा में उत्प्रेरित कर सकती है। सत्तर सालों से भारत में ‘पाकिस्तान’ […]

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मुझे न बांधना इन कागज के पन्नो में, उँची दीवारो में, दफ्तर की मेजों में, साहुकारों की कोठरी में, गरीब की झोपड़ी में, रसुखदारों की जेबो में, भ्रष्टों की चाटुकारीता में, नेता के कुर्ते में ……. मैं दहकती कलम से निकली खबर हूँ ‘अवि’ मैं बारुद की स्याही के अरमान हूँ, मैं […]

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सौरमंडल की हम संतान अलग रंग और अलग है नाम….(2) सबसे पहला ,बड़ा और पीला मैं सूरज हूँ आग का गोला दूजा  में बुध सूरज के पास खड़ा हूँ दिखने में छोटा पर बलवान बड़ा हूँ तीजा मैं शुक्र हूँ बड़ा मज़ेदार रहता  गरम  मगर हूँ चमकदार चौथी मैं पृथ्वी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।