लाखों लोग कर रहे अनशन ऐसी क्या मजबूरी है जू तक नहीं रेंग रही इनके  बस प्रचार जरूरी है नौ-नौ दिन से भूखे-प्यासे घरबार तक छोड़ दिया बेरोजगारी की जकड़न में जीवन ने  मोड़ लिया एक हजार की भर्ती निकले लाखों फॉर्म भरते है उम्मीदें टूट जाती है जब सब […]

खून में उनके  रवानी  रही जोशीली बहुत जवानी रही इंकलाब जिंदाबाद नारा रहा अमर   उनकी  कहानी रही उनको  शत  शत  हमारा  नमन दुनियां भगतसिंह की दीवानी रही बुझदिल नहीं,ना वो कायर रहा याद  उनकी  हमे  कुर्बानी  रही जी रहे  उनके दम से  आज  हम आजादी उन्हीं की  निशानी  रही लहरा […]

हर बार ज़ख़्म सहा है हर बार  टूटा हूँ अब होगा नहीं ऐतबार अपनों से मैं रूठा हूँ हर बार धोका खाया है मैंने हर बार काँच सा फूटा हूँ दिया है दर्द किसी ने अपनों से बहुत पीछे छूटा हूँ फिर भी कहूँ नहीं करता इंतिज़ार अपनों का तो […]

बहती मेरी कल-कल धारा श्वेत रंग मे रंगी हुई सी है पवित्रता समेटे हुऐ फिर भी देखो ठगी हुई सी ……………………… करते है,पवित्रता की बाते मुझको ‘गंगा माँ’ कहते है खाते है सौगन्ध मेरी गर्व से सीना फुलाते है …………………….. मै तो आई थी पत्थरों से सर अपना टकराकर राह […]

आज तुम मुझे नकार दोगे अपनी आत्म-संतुष्टि की भूख में गिरा दोगे मुझे मेरे शीर्ष से जो मुझे प्राप्त हुआ है मेरे अथक प्रयत्न से और तुम चोरी कर लोगे मेरे सारे पुरूस्कार जो मेरे हाथ की लकीरों ने नहीं न ही मेरे माथे की तासीर ने दी है बल्कि […]

रखता हूँ हर कदम ख़ुशी का ख़याल अपनी   डरता हूँ फिर ग़म लौट के न आ जाए अब भुला दी हैं रंज से वाबस्ता यादें यूँ आके ज़िंदगी में ज़हर न घोल जाएँ इक बार जो गयी तो फिर न आएगी यहाँ शौक महँगा है लबों पे हँसी रखने का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।