सुण स्याणी ! आज आपणा कोम्प्लेक्स में ब्लोक बी में कोई फंक्शन है के? –सेठजी पूछ्या. सेठाणी बोली- नई तो…! आ बात कैयां पूछ्या? कोई कुछ बतायो के? सेठजी बोल्या – नई थोड़ी देर पैली एक केटरर बी ब्लोक में कोई को एड्रेस पूछ रियो हो. अब मैं बाजार स्यूं […]

कितना कुछ बदल रहा है अब और न जाने आगे कितना कुछ और भी बदलेगा / संसार के सुख में और अपने सुख में बहुत कुछ अंतर होता है / संसार का सुख और दुःख तो प्रत्येक इंसान को भोगने को मिलता है यदि उसने इस संसार में मानव जन्म […]

नई उड़ाने,नया आसमान, सुधिजन रचनाकारों का। सबके सब मिलकर कर देंगे, युग को नव आकारों का। .              चाहे जितनी  बाधा आए, कवि का धर्म निभाना है। नई सोच अरु नई उड़ाने, नव पथ भी दिखलाना है। .             मुक्त परिंदे बन के हम तो, नित नया आसमां नापें। नई उड़ान भरेंगें […]

मेरे प्यारे बेटे राजा जल्दी से घर आ जाओ। दिवाली पर राह तके माँ, कुछ दीप तुम भी जला जाओ, आज बनाई घर मे गुजिया मीठी, मावे की जगह प्यार भरा है इस मे और बनाई मठरी ,लड्डू ,सकलपारे भी थोड़ा सा तुम खा जाओ, मेरे प्यारे बेटे राजा। दूर […]

ज्ञान धन बाँट-बाँट कर , खुद भिक्षुक बना रहे । अन्याय सहे चुप रहे, वो सच्चा गुरु बना रहे । बदल गई गुरु की परिभाषा, गुरु भी इसे समझता रहे । आज तो यही सच है , गुरु सबसे डरता रहे । जीवन का पाठ पढ़ाने वाला , जीवन क्या […]

अंधेरो से दोस्ती कर लो क्योंकि, उजाले तो अब सताने लगे हैं मत करो उजाले की उम्मीद तुम, अंधेरो से दोस्ती कर लो, क्योंकि, अब अपने भी बुजुर्ग आश्रम जाने लगे हैं। जहां होती थी तेज रोशनी अब घूप अंधेरे नजर आने लगे हैं। आशा मत रखना औलाद से, क्योंकि, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।