जीवन में कम से कम एक बार प्यार कीजिए, ठंड हो या न हो, उजाला हो या न हो, अनुभूतियां शिखर तक जाएं या नहीं, रास्ता उबड़-खाबड़ हो या सरल, हवायें सुल्टी बहें या उल्टी बहें, पगडण्डियां पथरीली हों या कटीली, कम से कम एकबार दिल को खोल दीजिए। तुम्हारी […]

  आखिर तुम ऐसी क्यूं  हो…….. तुम को देख के ये दिल  बार-बार जोर से धड़कने लगता है,  तुम्हारे बारे में सोच कर मन बेचैन हो जाता है, तुम्हारे बारे में सोच कर ये तन्हा दिल खुशी से उछल पड़ता है, तुम्हारी हँसी देख के ये उदासी भी छोड़ के […]

जब खेतों में नंगी काया पल पल तपती रहती है| आँगन में बैठे ख्वाबों के पंख उतिनती रहती है|| बेवश आँखों में बस केवल नीर समाया रहता है| तब कवि ह्रदय हुकूमत के प्रति आग उगलने लगता है|| नहीं प्रेम के मधुर मधुर मैं गीत सुनाने आया हूँ| वाणी की […]

जब भी बदलती है सरकार बदल जाती हैं नीतियाँ नई नीतियाँ बनाती है सरकार अपने बाप के नाम पर बदल जाती हैं पुरानी नीतियाँ जो थीं पुरानी सरकार के बाप के नाम पर बदल जाती हैं छात्र-छात्राओं की पुस्तकें हो जाते हैं शामिल पाठ्यक्रम में नई सरकारों के बाप निकाल […]

अरे ओ मुसाफिर जरा सम्भल कर चल ठोकर लग जायेगी नजरे झुकाकर चल सर उठा कर चलने वाले हम भी खड़े हैं राह मे जरा नज़रे मिलाकर चल गुरूर में हीं एक दिन ज़िन्दगी  थम जायेगी ज़िन्दगी है दो पल की सबको निभा कर चल आज तेरे पास है कल […]

    राजा सिद्धार्थ के घर जन्में, माता जिनकी त्रिशला रानी। उस वीर प्रभु की याद दिलाने, आई प्यारी रात दीवाली।। सज रहे है महल अटारी, ग्राम नगर और कुण्डलपुर नगरी। चौबीस दीपों के थाल सजाकर, मंगल स्वागत की तैयारी।। जैनम् जयति शासनम् की, जय -जयकार करते नर नारी। उस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।