चौथ  व्रती  बन  पूजती, चंदा  चौथ  चकोर। आज सुहागिन सब करें,यह उपवास कठोर। यह   उपवास  कठोर , पूजती   चंदा  प्यारा। पिया  जिए  सौ साल, अमर संयोग  हमारा। कहे लाल कविराय, वारती  जती  सती बन। अमर रहे  तू चाँद, पूजती   चौथ  व्रती  बन। .             नारि सुहागिन कर रही,पूजा जप तप ध्यान। […]

इस धरा पर एक वीरांगना पैदा हुई थी भारत में मातृभूमि की आजादी को कूद पड़ी थी बचपन मे राजनीति मिली विरासत नेहरू से ट्रेनिंग पाई देश की प्रधानमंत्री बन दुनिया मे शोहरत पाई देशभक्ति की मिशाल बनी वह बंगलादेश की जननी बनी वह बीस सूत्रीय विकास किया भारत का […]

 तुम जब चले गए तो फिर हमें आए याद बहुत जिस गुलशन को बसाया था,हुआ वो बर्बाद बहुत सब गलियाँ है सूनी,सब रास्ते हो गए उदास बहुत दिन है मेरा सोया सोया,और जागा है रात बहुत जहाँ तक देखा था वो भी कम कुछ नहीं था लेकिन कई अफसाने छिपे […]

जन्म दिन विशेष……… हिन्द की शान थी वो राष्ट्र की गौरव थी वो बडी निडर थी वो अदम्य साहस की मूरत थीं वो अडिग पथ पर चलने वाली हिन्दुस्तान की बेटी थी वो अपने जीवन का हर लम्हा देश के लिए समर्पित कर वो असीम प्रेरणा प्रदान कर गयी चंद […]

त्रिपाल में राम बैठे,नेताजी हैं महलों में मंदिर  बना  न सको  बात  मत करिए जो मंदिर की बात छेड़ो सांप सूंघ जाता है जनता  से  कहते  हो  धीरज  को  धरिए जी वादे तो करे हैं खूब वोटों की जुगाड़ में वादे   तो   निभा  न सके  पीर अब हरिए जनता की […]

झरनें झरते झर-झर-झर , नदियाँ बहती खल-खल-खल । सैर – सपाटे को झट निकलें , राजा भैया जल्दी चल ।। बुलबुल,मैना,सुआ ,चकोर चूं-चूं चीं-चीं करते शोर ।  धमा – चौंकड़ी हिरणों की , कैसे छम-छम नाचे मोर ।। दृश्य मनोरम देखें जाकर । प्यारे भैया चल-चल-चल ।।       […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।