तुम्हारी नजरों में मैं अब बहुत चालाक हो गई हूं क्योंकि तुम्हारे झूठे आश्वासन और सच्चे वादे के बीच का फर्क जो समझने लगी हूं तुम्हारे झूंठे वादे चांद को मेरे जूडे में नही सजा सकते और न ही मेरी माँग सजा सकते है सितारों से अब जानती हूं मैं […]
काव्यभाषा
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