हमसफर बनके वो हमसाया न बन सकीं साथ रहकर वो मुझे न समझ सकीं। अब तो राहें है,जुदा-जुदा जैसे, नदी के दो किनारे हो राह देखते ऐसे जैसे, बे-सहारे हो चाहकर भी एक दूसरे की हो न सकीं जैसे, बीच भँवर की मांझी हो हमसफर बनके वो हमसाया न बन […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
यक-ब-यक चल पड़ी हवा जैसे पूरी हो गई हर दुआ जैसे ===================== तुमको देखा तो यूँ महसूस हुआ सामने आ गया खुदा जैसे ===================== मैंने हर बार तुझे यूँ माँगा बच्चा कोई माँगे खिलौना जैसे ===================== इस तरह तूने भुलाया मुझको तू मेरा कभी न था जैसे ===================== ज़िक्र तेरा […]
