लिखे भी सुन्दर,दिखे भी सुन्दर, और गुणों की खान, ऐसी प्यारी हिंदी हमारी, हमें इस पर अभिमान।। सोंधी-सोंधी खुशबू इसमें अपनी माटी की महक भी इसमें, भारत का है तीन चौथाई, हिंदी बोले हिंदुस्तान।। जनमानस की भाषा है ये, गांधीजी कहते पुरजोर, नेहरू और शास्त्री ने भी, दिया हमेशा इस […]
काव्यभाषा
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