ऊंचे से ऊंचा सोचकर चढ़ते जाओ सोपान देह बन्धनों से मुक्त हो हलके हो जाओ इंसान इंसान से देवता बनना अब है बहुत आसान विकार छोड़ पवित्र बनो छोड़ो व्यर्थ का पोथी ज्ञान कृष्ण सरीका बनने को मेहनत तो करनी होगी यह कलियुग बीत जाएगा अगली दुनिया तुम्हारी होगी। #गोपाल […]
काव्यभाषा
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