बसंत के रंग हुए ऐसे मेरे अंग संग, बदली मौसम ने चाल पेड़ों पर आए रंग बिरंगे फूल हुवा वातावरण सतरंगा खुशहाल। लहर उठी सरसों की सुनहरी बालियां पेड़ पौधों में आ गई नई कलियां खिलने को रही मचल बसंत ने लाया, रंग रूप उनमें अचल। हरी हरी डालियां ऊपर […]
काव्यभाषा
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