जो आया है वह जाएगा कोई सदा न रह पाएगा सब खाली हाथ आते है सब खाली हाथ ही जाते है फिर धन संचय किस काम का यह समझ नही पाते है जो बोझ बनते इस धरती पर उन्हें लोग भूल जाते हैं जो जीते है दुसरो के लिए वे […]

मृत्यु भोज खाना , बंद करो सब , एक बात मेरी , आप लोग  मानलो । अरे ! मृत्युभोज एक अभिशाप है दोस्तो , आज से ही बंद करो , दिल से ठानलो ।। मृत्यु भोज एक …………. अरे ! मौत होना  , खुशी की बात नहीं , जो तुम […]

तुझसे बिछड़ने का  मलाल  रहा हर पहर एक तेरा ही ख्याल रहा दूर रहकर खुद को मनाता कैसे मेरे  लब  पर  यही  सवाल  रहा मेरी चाहत से जल रहा जमाना इसी  बात   का  तो  बवाल रहा रंग होली के सब फीके  ही रहे बचा  अब  तलक  गुलाल  रहा मुझे शिकवा […]

चेहरा चलन एक सा वही बन्दा नेक सा समस्याओं को भूल जाएं बस समाधान याद आये स्नेहशीलता की सौगात हो स्वयं में मुक्ति आभास हो मुक्तिदाता का यही फरमान नही करो कभी अभिमान विकारों का त्याग करो सद्गुणों को धारण करो देव समान बन जाओगे परमात्म प्रिय हो जाओगे। #श्रीगोपाल […]

बच्चा अपने जन्म के बाद जब बोलना सीखता है तो सबसे पहले जो शब्द वह बोलता है वह होता है ‘माँ’। स्त्री माँ के रूप में बच्चे की गुरु है। बच्चे के मुख से निकला हुआ यह एक शब्द मात्र शब्द नहीं उस माता द्वारा नौ महीने बच्चे को अपनी […]

सैनिक को, *माँ* की पाती” ”””””””””””””””””””””””””””” .     ( *लावणी छंद*) *पुत्र*  तुझे भेजा सीमा पर, भारत माता   का  दर  है। पूत लाडले ,गाँठ बाँध सुन, वतन हिफाजत तुझ पर है। ✍ त्याग हुआ है बहुत देश में, जितना  सागर में जल  है। अमर रहे  गणतंत्र   हमारा, आजादी  महँगा   फल  है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।