बंदर जी ने ब्याह रचाया | दावत पर सबको बुलवाया || बड़े प्यार से भोजन बनवाया | हंस-हंस के सबको खिलवाया || सबने चख-चख मजा उड़ाया | इडली – डोसा सबको भाया || चाट-चटपटी, दही थी खट्टी | कौआ पी गया सारी घुट्टी || छैना – गुलाब जामुन, हलवा पूरी […]
काव्यभाषा
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