जो शनिधाम को  जाता है, वो सब दुखो  से मुक्त हो जाता है,, शनिदेव की कृपा हो सर पे  तो विनती भगवान सुने , अपने भक्त के पथ के कांटे फिर स्वयं भगवान चुने, भक्त छोटा सा कंकर तब  आसमान हो जाता है, जो शनिधाम  को जाता है, वो सब […]

.     …..…. उत्सव  फाग  बसंत तभी जब मात महोत्सव संग मने। जीवन  प्राण  बना  अपना, तन माँ अहसान महान बने। दूध  पिये  जननी  स्तन  का, तन शीश उसी मन आज तने। धन्य  कहें  मनुजात  सभी, जन मातु सुधीर सुवीर जने। .     …..….. भाव  सुनो  यह  शब्द महा, जनमे सब ईश […]

सुनो तुम्हे गुलाब पसंद है ना और मुझे तुम पसंद हो। तुम्हारी खुशबू , तुम्हारा अहसास मुझे गुलाब से ज्यादा पसंद है। तुम्हे चॉकलेट पसंद है और मुझे तुम्हारी चॉकलेटी बातें। तुम्हारा प्यार चॉकलेट सा ज्यादा टेस्टी है। मुझे वो पसंद है। तुम्हे टेड्डी बहुत पसंद है ना और मुझे […]

हर रोज उस चांद में बस तुम्हारा ही दीदार करते है, सुनो न आज भी सिर्फ तुमसे ही प्यार करते है, अब तो तन्हा बैठ आसमां को निहारा करते है सारी रात, अब तो आकर चाँद सितारें भी करने लगे है मुझसे बात, रात भर जाग-जाग कर अभी भी सिर्फ […]

वो पीपल बहुत ही छाँव देता है सुकून मुझको मेरा गाँव देता है चला  आया आज  शहर से दूर बच्चा हो या बूढ़ा लगाव देता है लगा लेते गले से किस्से सुनाते है नहीं  कोई भी  यहां घाव  देता  है नदी का किनारा वो खूबसूरत पल कोई   नहीं  यहां  टकराव  […]

शिशिर ऋतु की हुई बिदाई बसंत आया धरा पर बधाई ।। मंद-मंद हवा चली गांव-गली डाल-डाल पर कलिया खिली ।। कोयल वन-आंगन कूक रही तितली   रानी   हुलस   रही ।। भौंरों का  सुमधुर  गीत सुन कुमदिनी   भी   बिहँस  रही ।। हर्षित जन – मन ,वन – संत आया धरा पर  प्यारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।