बंजर में फूल खिल गया है कोई अपना दिल हार के गया है कोई उदास सा लगता है खुदा कोई बच्चा मन मार के गया है कोई माँ अधमरी हो गई दफ़अतन कलेजा फाड़ के गया है कोई तुम्हारी छतों पे सूरज दिखे है अपनी धूपें लार के गया कोई […]

.   …..……. माँ जननी सहती धरती सम, संतति  के अरमान  सजाती। पेट रखे महिने वह  नौ तक, प्राण सहेज,सुआस लगाती। शीत सहे विपदा घन आतप, काज सभी घर संग चलाती। संतति हेतु तजे सुख मारग, देख सपूत  भरे पय  छाती। .  …..……. पूत गये जब देश भले हित, मात  गुमान  […]

शीतल हवाओं के हाथ सभीको, एक अरमान भेजा है, सुबह की रोशनी के ज़रिए, एक पैगाम भेजा है आपको / व्यस्ता के बीच फुरसत मिले तो, कबूल कर लेना पैगाम मेरा , इस नाचीज ने अपनो को, सुबह का सलाम भेजा है..// कभी हँसते हुए छोड़, देती है ये जिंदगी, […]

बसन्त पंचमी बसंत का उपहार माँ शारदे विद्या दायिणी का त्योहार। श्वेत वस्त्र श्वेत फूल प्रसाद और श्वेत हंस पर सवार हाथो में पुस्तक बीणा लिए जन जन का करती उद्धार। जिस तरफ नजर देती विद्वता का होता बास सारे अवगुणो का आपकी महिमा से होता नाश। आपकी कृपा से […]

आया है प्यारा वसंत मन भावन पावन वसंत । धरती पर छायी हरियाली नयी उमंग छायी खुशहाली । कोयल काली कूक रही है वृक्षों पर वह झूल रही है । नव कोपल डाली मुसकाये देखो अब ऋतुराज जी आये । पीला पीला खिला है सरसों ऐसा दृश्य दिखा था बरसों […]

शराब एक जहर है यह समझ लो खूब जो भी इसको पीता विवेक जाता भूल शराब नकली हो या फिर हो असली दोनो होती जान लेवा नकली तुरन्त मारती असली से भी परिवार रोया राजस्व के लोभ में सरकार भी करती यह कारोबार टूटते परिवार बनते शराब का प्रमुख आधार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।