घाटी से उठी चिंगारी पूरा देश में धधक गया देखो डर के मारे सात हूरों खा ख्वाब दिखाने वाला अस्पतालों में छुप गया। इतना गरूर अगर था, तुम्हें सामने से आये होते सच कहता हूँ एक-एक जवान दस-दस पर भारी होते। घोखे तुम्हारी रग-रग में भरा मक्कारी की फसल बोते […]

सखी ! रहा कहां कब वह बसंत मधुमास का प्यारा वो बसंत बढ़े जंगल कंकरीट के अब खो गया उन्हीं में यह बसंत जब पीली सरसों के खेतों में  हम सखियाँ दौड़ लगाते थे चने ,मटर की मीठी बाली को घुसकर खेतों में सब खाते थे सखी कहां .. सखी […]

यहाँ पर इश्क की पढ़ाई पढ़ाते है चाहतों के अंकुर दिलों में उगाते है झुक चुके जो बुढ़ापे में कंधे यारों उन बुजर्गो को सम्मान से उठाते है रखियेगा अभी दिल थामकर तुम खुशनुमा माहौल भी यहाँ बनाते है जिंदगी को आसुंओ से प्यार क्योँ इस प्रश्न का जवाब कही […]

बादल बना है फिर सवाली आसमाँ क्यों खाली-खाली किसने लूटा है गुलिस्तां को बिखरा हुआ है डाली-डाली किस-किस से करे हिफाज़त डरा हुआ हर माली-माली चाँद खा गया सेंक के कोई रात रह गई काली-काली उम्मीदें मर गईं चिल्ला के खूँ से भरा है थाली-थाली मंदिर-मस्जिद तोड़-ताड़ के अब बोलते […]

तुम्हारे ग़म, उलझनें ज़िन्दगी की, अपनी हंसी में छुपाते हो । बिछड़ कर आज भी रहनुमा, तुम याद बहुत आते हो ।। सहर की तरह रोशन हो, क्यों अंधेरों से घबराते हो । नम आंखें ख़ुद यह कहती, तुम याद बहुत आते हो ।। महक़ हो,मुश्क़ ए गुलाब हो, फ़िज़ाओं […]

कभी कभी हम दिल के, हालात भी लिखते हैं…, दिल पर जो गुजरती है, वो ही व्या करते है / हर वक़्त वाह वाह की, ख्वाहिश नहीं होती…, हँसाने के चक्कर में, कभी कभी खुद रोते है // छोटी सी ज़िंदगी है, इसलिए हर बात में खुश रहो , जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।