वतन की चाह में जो मगन हो गया तिरंगे में लिपटा जिनका बदन हो गया शत शत नमन वीर सपूतों को हमारा तिरंगा ही जिनका कफन हो गया लाडले ही रहे अपनी माँ पिता के नतमस्तक जिनका गगन हो गया बात ही क्या करें उनके हौसलों की निछावर जिनका तन […]

श्रध्दा भक्ति विनय समर्पण, का इतना फल हो। मेरी दीक्षा गुरुवर तेरे, कर कमलो से हो। जन्म जन्म से भाव संजोये, दीक्षा पायेगे। नग्न दिगंबर साधू बनकर, ध्यान लगायेंगे। अनुकम्पा का बरदहस्त यह, मेरे सिर धर दो।। मेरी दीक्षा गुरुवर तेरे, कर कमलो से हो। श्रध्दा भक्ति विनय समर्पण, का […]

मौत से काहे को डरता बन्दे,मौत तो एक दिन आयेगी। सब कुछ रह जाएगा यहां,कुछ चीज नहीं तेरे संग जाएगी ।। धन और दौलत कोठी बंगले,यही सब कुछ रह जाएंगे। खाली हाथ आया तू,खाली हाथ सब ही जाएंगे।। भज ले प्रभु का नाम तू,फिर समय नहीं मिल पायेगा। कब तेरा […]

कटती नहीं उम्र, अब तेरे बिना। मुझको किसीसे मानो, प्यार हो गया। जिंदगी की गाड़ी अकेले, अब चलती नहीं। एक साथी की जरूरत, मुझे अब आ पड़ी।। मिलना मिलाना जिंदगी का, दस्तूर है लोगों। खिल जाता है दिल जब कोई, अपना मिलता है यहां। जिंदगी के इस सफर में, मिलकर […]

मत ललकार चीन हमे तू, ये बासट वाला हिंदुस्तान नहीं। चमगादड़ खाने वाले तू, हम से क्या लड़ पाएगा। जीवों की हत्या करने वाले, अब तू नहीं बच पाएगा। बना ले तू जितना सस्ता माल, विश्व में नहीं बिक पाएगा। भारत के अच्छे उत्पादन के आगे, अब तू नहीं टिक […]

समय ने चली अपनी चाल, बिखर गये बड़े बड़े विध्दामान। न धर्म काम आया किसी का, न काम आया अब ये विज्ञान। बहुत छेड़छाड़ कर रहे थे, प्राकृतिक सनसाधन और संपदा का। तो स्वंय प्रकृति ने ही, रच दिया माहामारी का इतिहास।। कभी कुत्तों बिल्ली की तुलना, वैज्ञानिक इंसानों से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।