मन की गाँठें खोले हिन्दी। जीवन में रस घोले हिन्दी।। मैं भी बोलूँ, तुम भी बोलो। मन से जन-जन बोलें हिन्दी ।। जीवन में रस घोले हिन्दी। धरती बोले, अम्बर बोले। सरिता बोले, सागर बोले।। बूँद बोले, महासागर बोले। पवन बोले, सुमन बोले। झूम-झूम के ‘सावन’ बोले। मन का ताला […]
काव्यभाषा
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