अपना देश अपना वेश फिर क्यूं अपनाएं हम विदेशी, अपना वतन,अपना स्वदेशी। विदेशी वस्तुओं का करे बहिष्कार, मिलकर स्वदेशी सामान करें स्वीकार। चीन को उसकी औकात बताए, स्वदेशी अपनाकर शान दिखाएं। चीनी बाजारों को भंग करे, अपना वतन आबाद करें। नहीं चाहिए गुड्डे गुड़ियों का साया, बनता जो विदेशी सामान […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा