जीवन मे जो सदराह दिखा दे तीनो कालो की बात बता दे स्वयं का स्वयं से बोध करा दे नश्वर देह का एहसास भूला दे आत्म स्वरूप में रहना सीखा दे ऊंगली पकड़कर हमे चला दे जीवन जीने की कला सीखा दे हे परमात्मा ऐसा गुरु दिला दे ऐसा तो […]

गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे, चरणों में अपने, हमको बैठा लो। सेवा में अपनी, हमको लगा लो, गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे। मुझको अपने भक्तो की, दो सेवादारी। आयेंगे सत संघ सुनने , जो भी नर नारी। मैं उनका सत्कार करूँगा, वंदन बारम्बार करूँगा।। गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे, चरणों में अपने, हमको […]

ईट का ज़बाब,पत्थर से देना जानते है, चीन तेरे घर में,घुस कर मारना जानते है। मत दिखा हैंकड़ी,चीन अब तू हमें, तेरी हैकडी भी हम निकालना जानते हैं।। +++++++++++++++++++++-++ शोर्य देख चीन दांतो तले,उंगलियां चबा बैठा, पाक भी डरकर,चीन की गोद में जा बैठा। सुन कर गर्जना,छप्पन इंची सीने वाले […]

मनहरण घनाक्षरी विधान:– ८, ८, ८, ७ वर्ण आठ,आठ, आठ,सात वर्ण संयुक्त वर्ण एक ही माना जाता है। कुल ३१वर्ण, १६, १५, पर यति हो,( , ) पदांत गुरु(२) अनिवार्य है, चार पद सम तुकांत हो, चार पदों का एक छंद कहलाता है। . रूप रंग वेष भूषा, भिन्न राज्य […]

दिल के झरोको से, प्यार झलकता है। आपकी वाणी में, अपनापन दिखता है। तभी तो आपसे निगाहें, मिलाने को मन करता है। और तुम्हें दिल से, अपनाने का मन करता है।। कौन कहता है कि तुम, दिल नहीं लगा सकते। और किसी को अपना, बन नही सकते। क्योंकि दोस्तो ये, […]

परमात्म याद में खोये रहो शान शौक़त से दूर ही रहो मन के आवेग से उड़ान भरो परमधाम की जा सैर करो ईश्वरीय बोध हो जाएगा ईश्वर से संवाद जुड़ जाएगा स्वेत वस्त्रो में स्वेत मन होगा पवित्रता का प्रतिबिंब होगा मोह माया पास न आएगी संसारिक विरक्ति हो जाएगी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।