सताये हुए हैं,फिर तुम क्यों सताते हो, बिन बात के,मुझे तुम क्यों सताते हो। मालूम है सब कुछ ये नई बात तो नहीं, फिर ये बात मुझसे क्यों छिपाते हो। जल रहे है बिन आग के हम किसलिए, पहले ही जले है और क्यों जलाते हो। जमाना हो गया है,अब […]

जग जननी जग माता तू है, तू सृष्टि की निर्माता, काली चंडी का रूप है तू , तू ही लक्ष्मी माता। ममता की तू सागर है , तू जग की पालनकर्ता, तू सबकी ही मित्र सखा है,तू ही है सुखकर्ता। त्याग, समर्पण की मूरत है,तू साहस शौर्य की गाथा, तू […]

कर कर के मैं थक गया जीवन भर काम। सबको व्यवस्थित करके किया अपना काम। जब आया थोड़ा सा मौका मिल ने को आराम। तभी थमा दिया मुझे एक प्यारा सा पैगाम। जाकर तुम अब देखो पुन: एक नया काम। वाह री मेरी किस्मत और वाह रे मेरा नसीब। कभी […]

संतान वही जो सेवा करती माता पिता का ध्यान रखती उनकी हाँ में हाँ ही मिलाती उन्हें कभी न आंख दिखाती उनके सामने सिर झुकाती उनका सदा मान बढाती सामने उनके बच्चा बन जाती डांट पर भी सहज मुस्काती मरने पर भी न भूल पाती उनके नाम को आगे बढाती […]

जब तक न आवे कोई दवाई, तब तक न करे कोई ढिलाई। दो गज की रकखो सबसे दूरी, कोरोना से ये बचाव है जरूरी। मास्क अपने मुंह पर तुम लगाओ, कोरोना को तुम अब दूर भगाओ। साबुन से धोओ मल कर तुम हाथ मिलाओ न किसी से भी तुम हाथ […]

इस बार रावण दशहरे पर आया, राम से बोला और वह चिल्लाया। पहले अपने मुख पर मास्क लगाओ, फिर आकर मुझ पर आकर बाण चलाओ।। कोरोना काल है,मेरी भी है मजबूरी, मुझसे रक्खो सब दो गज की दूरी। मेरे निकट जो भी कोई आ जायेगा, काल का ग्रास वह एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।