दिल की है , बात जो ये , इसको दिल में , रहने दो। होंठ खामोश रहें , दिल को दिल से , कहने दो। दिल की है , बात जो ये , इसको दिल में , रहने दो।। डूबती कश्ती का , डूबता , मांँझी हूँ मै। डूबता सूरज […]
अपने पराये में भेद न हो धर्म -जाति का मतभेद न हो रंग खून का एक है सभी का काले- गौरे का रंग -भेद न हो धड़कता सभी मे एक सा दिल छोटे- बड़े का कोई भेद न हो पांच तत्वों से बना है शरीर शरीर का कोई अभिमान न […]
पिया बिन बीती कैसी रतिया, कैसे सब तुम्हे ये सब बताऊं। सारी रतिया बीती अंखियां मे, कैसे तुम्हे दिल का दर्द बताऊं।। एक मिनट बन गई एक घंटा, लम्बी है गई थी मेरी ये राते। पिया बिन कैसे काटू ये राते, किससे करू मै मन की बाते। पिया बिन इन […]
लागाव अपने शहर का बहुत अलग होता है। जिंदगी जीने का ठंग शहर में अलग होता है। भूल जाते है अपने उच्चपद को गाँव में। क्योंकि सभी के प्रति सम्मान का भाव रहता है।। खेलकून्द और पढ लिखकर लायक होकर बड़े बने। उस क्षैत्र से लगाव मनमें अधिक रहता है। […]
सुनो भैया सुनो बहना, करूँ विनती मैं बस इतनी। बचा लो ऊर्जा मिलकर, करूँ अरज मैं बस इतनी। बिना ऊर्जा जरा सोचो, क्या होगा हाल हम सबका? होगा जीना बड़ा मुश्किल, बुरा होगा कल हम सबका। आज जगमग है ये दुनियाँ, ना जाने कल क्या होगा? ना होगी यदि ऊर्जा […]
मैं त्योहार मुझे पैसों से क्या? खुशियों से नाता रखता हूँ। बिन खुशियों के कभी-कभी, ढोंगी बन ढोंग दिखाता हूँ।। रिश्ता तो सभी धर्मों से है, रिश्तेदार महज़ बदले देखा। बिन प्यादे का लोटा बनकर, कइयों को ज्ञान बांटते देखा।। सच्चाई से दूर खड़ा, धर्मों में बंट रह जाता हूँ। […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।