नीला गगन, सुंदर पवन,देखो घटा सुनहरी छाई है।चहक रहे हैं पंक्षी चहुँ ओर,प्रातः वंदन की बेला आई है।। कैसी सुंदर सी आई है बेला,किरण आँचल में प्रकाश लाई है।देख गगन की छटा मनोरम,सबके होंठों पर मुस्कान आई है।। मद मस्त पवन झूमे मस्ती में ,धरा पर देखो बहार आई है।नीले […]

भौतिक उन्नति पथ बढ़ चले मशीन की मानिद बन चले जल्दी सोना हम भूल गए जल्दी उठना भी भूल गए सुबह शाम की संध्या याद नही निस्वार्थ के रिश्ते भूल गए दादी नानी की कहानी कहां गई बचपन जीना ही सब भूल गए दूध, दही ,घी और मठ्ठा मक्खन-रोटी खाना […]

अमृत बेला मे अमृत बरसता इस घड़ी को देव भी तरसता यह घड़ी है परमात्म बच्चों की परमात्मा से होती बात बच्चों की जो उठता है इस शुभ घड़ी मे परमसुख मिलता इस घड़ी मे दो से पोने पांच तक अमृत बेला इसके बाद हो जाता है सवेरा अमृतबेला मे […]

ज़माना मुझे आजमाता गया मगर मैं हमेशा मुस्कुराता गया मुझे जो समझ लें वो मिलते नहीं ग़मों को अकेला उठाता गया सभी दोस्त मेरे ,न दुश्मन कोई मिला जो गले से लगाता गया लबों पर हँसी की अदाएँ रखे, ग़ज़ल मैं नई गुनगुनाता गया ज़रा मस्तियाँ देख अंदाज में ज़माने […]

“आज उनसे पहली मुलाकात होगी फिर आमने सामने बात होगी फिर होगा क्या ;क्या पता क्या ख़बर; फिर होगा क्या ;क्या पता क्या ख़बर”? आज गीतिका बहुत खुश थी और दुनिया से बेखबर होकर वह मन ही मन यह गीत गुनगुना रही थी क्योंकि आज उसकी अपने मंगेतर गिरीश के […]

हिंदी राष्ट्रभाषा है,हमारी मातृभाषा है। दिलो को छू जाए, गौरवमई भाषा है।। कण कण में भगवान है,अक्षर अक्षर में मिठास है। हर अक्षर से शब्द बने, भावनाओ को व्यक्त करें।। हिंदी से हिंदूस्तान है, संस्कृत से संस्कार है। यहीं सभ्यता जन्मी, यही आस्थाओं की नगरी।। हिंदी के रूप अनेक है, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।