बहुत दुख है सागर को जो किसीको दिखाते नहीं। फिर भी सभी के दुखोको समेट लेता है अपने अंदर। और सुकून देता है सदा अपनी ठंडी लहरो से। तभी तो गम समुद्रतट पर स्वंय ही हँसने लगता है।। जो लहरो को देखता है समझ उसको आता है। सागर की हकीकत […]
काव्यभाषा
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