हिंसा को भड़काने वाले ये किसान नहीं हो सकते। जीवन को सुलगाने वाले ये किसान नहीं हो सकते। खेतों में जो श्रम का पानी देता है। फसलों को जो खून की सानी देता है। फसलों को आग लगाने वाले, ये किसान नहीं हो सकते। हिंसा को भड़काने वाले ये किसान […]
काव्यभाषा
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