किसी ने देखा नहीं अस्ल में चेहरा अपना, सबको एजाज़ दिखाता है आइना अपना। मज़ीद सरफिरे लोगों ने बना ली सरहद, भूलकर आदमी से आदमी रिश्ता अपना। फैसले क्या है हमारी ही कम ख्याली है, हमने तो सोचा नहीं खुद कभी सोचा अपना। वो भी अब नुक्ताचीं हो गए बुलंदी […]

ओ मानव तुम्हें क्या चाहिए…., शायद तुम खुशी ढूंढ़ते हो… दूसरो को रुलाकर,सताकर, दुख पहुंचाकर,अपने शब्दों से निरावृत कर- माँ-बहनों को सड़कों पर लाकर, तुम खुशी ढूंढ़ते हो….। पर, नहीं….नहीं…., कर लो यकीं.. खुशी यहाँ है नहीं। किसी दर्दे दिल की दवा बनकर तो देखो……। असहायों की दुआ बनकर तो […]

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इस जहान में,सब कुछ संभव होता है। बस मन को,बेवकूफ बनाना पड़ता है॥ मन पल-पल में,विचलित हो अकड़ता है। बस   थोड़ा   साहस,जुटाना पड़ता   है॥ ख्वाबों  के समंदर,नित बनाने होंगे। भिन्न-भिन्न तरीके,अपनाने होंगे॥ लोगों के तानों का भी,पारा चढ़ता है। बस थोड़ा साहस,जुटाना पड़ता है॥ लक्ष्य न भूले,तो […]

सदियों पहले हो के तिरस्कृत, रोयी       सीता    माता    है। नारी   की उस   दीन दशा को, क्यों जग बार-बार दोहराता है? मिथ्या   आरोपों   का  जब, जगजननी ने न प्रतिकार किया। तभी अधम की बुद्धि के आगे, धर्म  ने अत्याचार     किया॥ […]

  गुज़रे का ख़्याल मत करो .., इस तरह सवाल मत करो ..। जात-पात यूँ निहार कर .., चैन को हलाल मत करो ..। रात भर कही गई ,तभी .., छोड़ दो,धमाल मत करो ..। वो तुम्हें प्यार कर रही .., रात को बवाल मत करो ..। कह लिया कहन […]

  क्या मिला किसको यहाँ प्रतिशोध से, कुछ न हासिल हो सकेगा क्रोध सेl   मत जला संसार को इस आग से, तू बड़ा होगा दया  से त्याग सेl   अब पलायन कर जरा इस जंग से, मत धरा को लाल कर इस रंग सेl   जोड़कर,कर बस यही अनुरोध […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।