मैं अब अबला नादान नहीं हूं .. दबी हुई पहचान नहीं हूं .. रखती अंदर खु़द्दारी हूं। हां मैं उत्तर प्रदेश की नारी हूं। अपने आत्मबल से जीती हूं। शिक्षित समाज को रचती हूं । नए भारत को निर्मित करने निकली हूं। हां ,मैं उत्तर प्रदेश प्रेरक प्रदेश की नारी […]
काव्यभाषा
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