दर्शन से तेरे मिलता है चैन,बिन दर्शन के राहु बेचैन। चंद्रा प्रभु भगवन की,महिमा ऐसी जो है गा रहा संजय है, ऐसी महिमा को॥ दर्शन से तेरे मिलता है चैन,बिन…॥ ऊँचे-ऊँचे पर्वत,पर तेरा बसेरा है। चढ़ न पाऊं मैं,जब तक तेरा सहारा न हो कैसे करूँ, तेरा दर्शन। मार्ग दिखाओ […]

मैं केवल अहिल्या क्यों बनी? तुम्हारे स्पर्श की आस में, मैंने सदियां बिताई है। पूछूं किससे ? मेरी नियति प्रस्तर होना थी, मेरे प्राण क्यों शुष्क माने.. जो मेरे स्वामी थे? क्यों नहीं जाना सत्य, क्या था वो पटाक्षेप सिर्फ मतिभ्रम और क्या मेरा दोष? मैंने तो निभाई थी निष्ठा […]

यों बदलती थातियों की मैं गवाही दे रहा हूँ। सद्भावना घर-घर में फैले आवाजाई दे रहा हूँ॥ उठना पड़ेगा आज तुमको गिरती हुई दीवार साधो, तोड़ डालो जुर्म का मुंह,तानाशाही दे रहा हूँ॥ लौट आएगा किसी दिन भटका हुआ मेरा मसीहा, आज इस वाज़िब वजह से वाहवाही दे रहा हूँ॥ […]

अंतस में होगा नहीं,जब तक ज्ञानालोक। बने रहेगें रात-दिन,जीवन में दुःख शोक॥ जितनी माला फेरिए, करिए मंत्रोच्चार। मन की पावनता बिना,यत्न सभी बेकार॥ अधरों पर हरि नाम है,मन में कटुता भाव। पार तरे कैसे कहो,भव सागर से नाव॥ धर्म पंथ की आड़ में,चलती मुहिम विशेष। धर्म नाम पर हो रहा,धर्म […]

तुम परम दिव्य प्रभु जी, तुमको है कोटि नमन तुम निराकार परमेश्वर, साकार भी बने स्वयम्॥ तेरा राम रूप अति सुन्दर, श्री कृष्ण रूप नहीं कम ? तेरा शिव रूप कल्याणक, रुद्र रूप है परम प्रचन्ड ॥ शारदा लक्ष्मी तुम रूद्राणि, तुम त्रिगुणा शक्ति अनन्त। तुम रुक्मिणी सीता  माता, तुम […]

वसुन्धरा के आँगन में आतंक नहीं पलने देंगे, मानवता की क्यारी में यूं खर-पतवार नहीं उगने देंगे। जब भी इस मातृभूमि पर दुश्मन ने आँख उठाई है, माँ के वीर सपूतों ने अपनी तलवार उठाई है। ममता के आँचल को अब नीलाम नहीं होने देंगे, मानवता की क्यारी में खर-पतवार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।