दर्शन से तेरे मिलता है चैन,बिन दर्शन के राहु बेचैन। चंद्रा प्रभु भगवन की,महिमा ऐसी जो है गा रहा संजय है, ऐसी महिमा को॥ दर्शन से तेरे मिलता है चैन,बिन…॥ ऊँचे-ऊँचे पर्वत,पर तेरा बसेरा है। चढ़ न पाऊं मैं,जब तक तेरा सहारा न हो कैसे करूँ, तेरा दर्शन। मार्ग दिखाओ […]
काव्यभाषा
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