चमन-चमन खिला हुआ कली-कली निखार है। जहां में आज हर तरफ मुहब्बतें हैं प्यार है॥ खिले हुए हैं गुंचे सब फ़ज़ा भी ख़ुशगवार है। बसंत है तो हर तरफ बहार है बहार है॥ भरी हुई है ख़ुशबुओं से आज तो बयार है। हवाएं झूमती हैं और बज रहा सितार […]

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बहुत रोका मगर ये कब रुके हैं, ये आँसू तो मेरे तुम पर गए हैं। जो तुमने मेरी पलकों में रखॆ थे, वो सपने मुझको शूलों से गड़े हैं। न सीता है, न अब है राम कोई, चरित्र ऎसे कथाओं में मिले हैं। जो आने के बहाने ढूंढते थे, वो […]

आँगन का टेढ़ापन कब तक दुहराओगे, नाचो जैसे भी हो अपनी ही थिरकन सेl तालों में बन्द करो कितनी ही कमजोरी, आखिर में बाहर तो आनी ही आनी हैl कितना ही मना करो स्वाभाविक भूलों को, स्वागत ही होता है मन से जब मानी हैl भारी तो बातें हैं बातों […]

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आ जाओ मनमीत हृदय ये कितना प्यासा है। एक तुम्हारी चाहत ही तो मुझे देती दिलासा है॥ तुझ बिन ये जीवन है सूना, मरुथल-सी है प्यास। आँख मिचौनी न करो मुझसे, मन ये उदासा है॥ झंझावतों में जीवन के, साथ तुम्हारा ही तो था। वरना मैं तो खो जाती, ये […]

कभी रह में कुछ लोग मिल जाते हैं, नाम रिश्ते का कुछ भी हो,दुनिया बदल जाते हैं। आसमां की बुलंदियों को जो छूने का रखते हौंसला, इनके प्यार और आशीर्वाद से होता उनका भला। गजब की ताकत होती है कुछ लोगों में, हर रिश्ते को पीछे छोड़ जगह बनाते दिलों […]

बात-बात पर माईक पकड़ कर रोता कौन परिंदा, मगरमच्छ हक्का-बक्का  देख हुआ बहुत शर्मिंदा। सेवक बता खुद को  जा विदेशों में मौज करते, आए दिन कह मन की बात जनता को ठगते। विदेश मंत्री भ्रम  में, करुं या न करुं शंका, तैयारी मैं करुं, पहुंचते हैं ये अमेरिका या श्रीलंका। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।