मकर संक्रांति विशेष………. तिल गूड की मिठास चहु ओर महकने लगे पतंगे आसमान में दिखने लगे फूलो के बगीचे भी सजने लगे देखो बसंत में सभी हँसने लगे। बसंत की साख पर लोभ तृष्णा ताक पर खेतों की नवीन फसल पर नवीन पकवानों के महक पर खलिहानो की पुआल पर […]

  *इस भारतभूमि के अंचल में समय-समय पर ऐसे नरपुंगव पैदा हुए हैं जिनके विचारों ने न केवल भारत अपितु संपूर्ण विश्व को प्रेरणा प्रदान की।12 जनवरी सन् 1863 ई. की पौष संक्रांति पर कलकत्ते के सिमुलिया पल्ली में माँ भुवनेश्वरी की कोख से ऐसे ही एक नवरत्न ने जन्म […]

वतन के दीवाने घर से निकल पड़े है धूल दुश्मन को चटाने चल पड़े है जोश कितना है देखो जवानी में उनकी वतन के खातिर वो मचल पड़े है हवा आग पानी चिंता तुफानो की नहीं है वो  हालात पर  ऐसे ढल पड़े है उन फौजी भाईयों को नमन है […]

मुझे संभालो कि मुझे गुमाँ हो गया मैं किसी चाँद का आसमाँ हो गया कितना सच्चा है प्यार मेरा देखिए मैं किसी बच्चे की ज़ुबान हो गया इश्क़ मेरा जज़बात से महरुम नहीं मैं किसी बेघर का मकान हो गया मेरे इश्क़ पे सियासत की छींटें नहीं मैं होली तो […]

बदल सी गई है तासीर हवाओं की, फ़िज़ा ने अंदाज़ भी बदला है । हो कर मस्त मलंग मोहब्बत में तेरी, कहां अब ये दिल अकेला है ।। इश्केदारियां लुभा रही हैं दिल को मेरे, ये दुनिया तो बस झमेला है । महक़ उठें है अब गलियां चौबारे देखो, हुआ […]

छिपकर मधुबन में जब कान्हा- राधा संग रास रचाते थे, रंग भरी पिचकारी ले कर- घर घर घात लगाते थे, ब्रज की हर गोपी थी भोली. भूलो अब तबकी होली…. रास रचाते धूम मचाते- मुरली मीठी मधुर बजाते, राधा भी सखि वृंद सहित- मोहन की बनती हमजोली. भूलो अब तबकी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।