अपनी परछाई से मंजिल का पता पूछ रहा हूँ। भटक गया हूँ,मंजिल का निशान ढूंढ रहा हूँ।। कोई जब ना दिखा रहा था वहाँ पहुँचने की राह। तो खुद ही खुद से वहां जाने की राह पूछ रहा हूँ।। पस्त  हौसले  से  जंग  लड़ने  की  सोच रहा हूँ। अपने ही […]

परिवर्तन का जोश भरा था, कुर्बानी के तेवर में। उसने केवल कीमत देखी, मंगलसूत्री जेवर में।। हम खुशनसीब हैं कि इस वर्ष 26 जनवरी को 70वाँ गणतन्त्र दिवस मना रहे हैं। 15 अगस्त सन् 1947 को पायी हुई आजादी कानूनी रूप से इसी दिन पूर्णता को प्राप्त हुई थी। अपना […]

सच हमेशा सच है झूठ हमेशा  झूठ झूठ के बल जो चले समय भी जाता उससे रुठ झूठ साथ निभाता नही सच कभी झुठलाता नही सच शक्तिवान बड़ा हर विपत्ति में साथ खड़ा सच के साथी ईश्वर है झूठ के साथी रावण झूठ और रावण जब जल जाएगा सच ईश्वर […]

साहित्यकार ज्योति जैन की ‘जीवन दृष्टी ‘ साहित्य की एक ऐसी खत्म होने की कगार पर खड़ी  ललित निबंध विधा को नई ऊर्जा प्रदान करती है | विभिन्न विषयों चिंतन,विचार और रचनाशील भावों को जमीनी स्तर पर तलाश कर उनमे गहराई से दृष्टि डालकर ‘जीवन दृष्टी ‘ अंक संजोया है | […]

दिन के बारह बजते ही रत्तो बेचैन हो जाती थी। तुरंत अपने बक्से की तरफ झपटती थी और एक चिठ्ठी निकाल कर अमरैया की तरफ दौड़ पड़ती थी। आज भी बारह बजते ही उसने ऐसा ही किया। आंगन में  बैठी माँ उसे देखकर भी अनजान बन गई और रत्तो के […]

“जैसे ही नर्स विभोर को चेक करने आई ,मेरे लिए सुनहरा मौका था ,जिसे मैंने गंवाना उचित भी नहीं समझा और बाहर की तरफ भाग आया ।” अस्पताल परिसर में आते जाते लोगों की निगाहें,जैसे  मुझे  कह रही थी कि इस कायर ,धोखेबाज़,कमीने इंसान को देखो,जो दोस्ती के नाम पर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।