चंदू बडा दुविधा में था उसे समझ में नही आ रहा था कि आखिर वो क्या करे उसकी पत्नी की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही थी।गाँव में अंधविश्वास का माहौल और झाड़-फूक तंत्र-मंत्र का सहारा उसके पत्नी के इलाज के लिए पर्याप्त नहीं थे। हलांकि गाँव के चँद […]

सूरज उत्तर पथ चले,शीत कोप हो अंत। पात पके पीले पड़े, आया  मान  बसंत।। .                 फसल सुनहरी हो रही, उपजे कीट अनंत। नव पल्लव सौगात से,स्वागत प्रीत बसंत।। .                  बाट निहारे  नित्य ही, अब तो  आवै  कंत। कोयल सी कूजे निशा,ज्यों ऋतुराज बसंत।। .                 वस्त्र हीन तरुवर खड़े,जैसे तपसी संत। […]

दामन   अपना   आसमाँ   सा   बनाना  आसान   नही । अपने  आँचल  में   सूरज , चाँद  और  सितारों  को  एक साथ   दिल   से   बसाना  कोई   आसान  काम   नही ।। आजकल लोग अपनी जरूरत से लोगो को गले लगाते है, अगर अपने मतलब का न हो तो बस उसका गला दबाते है। वो […]

नई दिल्ली | सिद्दगंगा मठ, तुमकूरु में पूज्य डॉ. श्री श्री शिवकुमार महास्वामीजी के महाप्रयाण पर विश्व हिन्दू परिषद् ने अपनी गहरी समवेदना व्यक्त की है. विहिप महा-मंत्री श्री मिलिंद परांडे ने अपने एक संदेश में आज कहा है कि पूज्य डॉ. श्री श्री शिवकुमार महास्वामी जी, सिद्दगंगा मठ, तुमकूरु ने अपने 111 साल के सार्थक […]

किसकी नजर लगी इस देश को मेरे दोस्तों शाम तो शाम सुबह भी काली है दोस्तों ॥ इंसानियत सो रही हैवानियत जागी है दोस्तों युवा तो युवा बूढ़े भी बवाली हैं दोस्तों ॥ किसी का नहीं भरोसा सब जालिम है दोस्तों पराये तो पराये अपने भी बने रुदाली हैं दोस्तों […]

धरना है भाई धरना है, धरने में भी धरना है धरना धरने की खातिर है, धरना, धरना धरना है। चाहे भवन विधान घेराव करें, या भरी दुपहरी बदन जरे मंत्री और मुखिया मौज करें, बस भाषण देकर पेट भरे। बेरोजगार की एक चाह, रोजगार कोई अब करना है धरना है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।