इस शरीर से काहे प्रेम करे है यह मिट्टी है मिट्टी में मिल जाना है ऊपरी सुंदरता पर क्यो मरे है अंदर अस्थि,मज्जा और पखाना है शरीर तो रथ है उसमें बसी आत्मा का जिसको एक दिन चले जाना है फिर ईर्ष्या, द्वेष, घमण्ड काहे को ये सब तो पाप […]

हिंदी साहित्य में नारी का योगदान, नारी का जीवन बहुत ही संघर्ष से विरत है महिला साहित्यकारके लिए सबसे पहले बाहरी संदर्भों में उसका आंतरिक समय होता है, जहां वह जीती और सांस लेती है, और वहीं दुसरी ओर समय की चुनौतिया जिससे वे बिल्कुल परे होती है । उनके […]

अपना देश महान है,कहते सारे लोग। दुख सुख में साथी सभी, करते सारे भोग।। किसान मेरे देश के, करते हाहाकार। खाद बीज मिलते नहीं, खेत हुये बेकार।। गौरव गाथा कह रहा, अपना ये इतिहास। देश हमारा कह  रहा, कैसे हुआ विकास।। जन जन अब गाने लगा, वन्दे मातरम गान। मेरे […]

वह हर दिन आता सोचता बडबडाता,घबडाता कभी मस्त होकर प्रफुल्लता, कोमलता से सुमधुर गाता… न भूख से ही आकुल न ही दुःख से व्याकुल महान वैचारक धैर्य का परिचायक विकट संवेदनाएँ गंभीर विडंबनाएँ कुछ सूझते ध्यान में पद, संभलता, बढाता पग ! होकर एक दिन विस्मित् किछ दया दूँ अकिंचित् […]

दिव्य जनों के,देव लोक से, कैसे,नाम भुलाएँगे। कैसे बन्धुः इन्द्रधनुष के प्यारे रंग चुराएँगे। सिंधु,पिण्ड,नभ,हरि,मानव भी उऋण कभी हो पाएँगें? माँ के प्रतिरूपों का बोलो, कैसे कर्ज चुकाएँगे। माँ को अर्पित और समर्पित, अक्षर,शब्द सहेजे है। उठी लेखनी मेरे कर से, भाव *मातु* ने भेजे है। पश्चिम की आँधी में […]

जनमंचों पर अपनी साहित्य विधा के हर रंग का जादू बिखेरने वाले हास्य व्यंग्य  कवि .प्रदीप नवीन  यूँ तो जन -जन में लोकप्रिय है उतनी ही उनकी साहित्यिक कर्म में रूचि अम्बर को छू रही है । स्वयं को बड़ा कभी न महसूस समझने वाले प्रदीप नवीन की सहयोग की भावना का एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।