प्रेम में क्रोध का  नही कोई स्थान प्रेम अगर करना है क्रोध का कीजिए त्याग प्रेम शांति का आभूषण प्रेम अपनत्व का मान प्रेम सहिष्णुता की खान प्रेम ह्रदय का रसखान प्रेम सद्गुणों का पोषक प्रेम अहिँसा का ध्योतक प्रेम एक संस्कार है मोह एक विकार है प्रेम प्रभु से […]

मुश्किलें लाख हों उम्मीद कहां मरती है ये वो शमा है जो तूफानों में भी जलती है ========================== ये बात सच है चाहे मानो या न मानो तुम जहां दवा न करे, दुआ असर करती है ========================== चीर देती है फिर वो आसमां का सीना भी किसी गरीब के दिल […]

मॉरिशस में आयोजित होने वाले 11 वें विश्व हिंदी सम्मलेन के अवसर पर केंद्रीय हिंदी निदेशालय,मानव संसाधन विकार मंत्रालय, भारत सरकार ने ‘भाषा’ पत्रिका का मॉरिशस के हिंदी साहित्य पर केंद्रित विशिष्टांक प्रकाशित किया. यह विशिष्टांक अपने आप में विशेष है, इसमें वैश्विक स्तर पर हिंदी के विकास को विशेष […]

मेरे हाथ आटे में सने थे, डोर बैल बार बार बज रही थी । मैने फंकी (हां मेरी बड़ी बेटी) को आवाज़ लगाई और दरवाज़े पर देखने के लिए कहा । वो अपने म्यूजिक में मस्त थी और उसे म्यूजिक सुनते समय कोई भी बोले तो बहुत बुरा लगता है […]

(1)जप से तप      काया कर निर्मल      बनते संत        (2)संत के मुख       बहती ज्ञान गंगा        नहाते श्रोता         (3)है पूजनीय       सभी धर्मों के संत       करे वंदन        […]

 नाक सुआसी सी शोभती,  खिलते लाल कपोल। आंखन अंजन आंझके, नैना बने अमोल।।  हंस उड़ा बागन चला, ले मोतिन की आस। नगनथ देखो नाक को, मन में होत उदास।। नदी नाव संजोग से बहती पानी धार। नाविक नदिया एक से ,म्यान फंसी तलवार।। तोता मैना बोलती, चिड़िया करती चींव।  कोयल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।