दीपक से हमने सीखा, जलना क्या होता है । तिल-तिल जल-जल करके, ऐसे मरना क्या होता है । दीपक सबको देती उजाला, खुद अधियारों में रहकर । सीख लो उससे जीना तुम भी, दुःख सहना होता है क्या ? विरह व्यथा होती बड़ी दारूढ़, सहनाही पड़ता है । अपनों के […]

इश्क, बेबसी, प्यार ,बेरुखी,,,, फिर सब की तैयारी है ,,,, एक फरवरी मेरी भी , किसी के पास उधारी है ,,, कुछ बीते पल ,कुछ अफ़साने, कुछ खत ,चिट्ठियां बरसो पुराने ,, आज के प्यार पर भारी हैं एक फरवरी मेरी भी किसी के पास उधारी है,,, वो दौर आशिकी […]

एक बार समर्पण कर दो सारी परेशानी उसको दे दो सबसे बड़ा चिकित्सक वह अपनी बीमारी उसको कह जज भी बड़ा वही कहलाता पल भर में न्याय मिल जाता सबसे अच्छा शिक्षक वह ज्ञान का अथाह भंडार वह जीवन जीने की कला सिखाता विकारो से हमे मुक्त कराता पवित्रता का […]

किस्सा-ए-इश्क अपना इतना ही रहा बस आगाज़ ही किया था कि उसने कहा बस ========================== ज्यादा तो कुछ नहीं हुआ होकर जुदा तुमसे सीने में मेरे हल्का-हल्का दर्द हुआ बस ========================== क्या कहूँ क्यों हो गया तनहाई-पसंद मैं फितरत-ए-दुनिया को पहचान गया बस ========================== कुछ और सुनाने की ज़रूरत ही […]

फूलों सी, कलियों सी कोमल बेटियाँ, माँ का प्यार, पिता की इज्ज़त बेटियाँ | कुल की शान, अभिमान की पगड़ी बेटियाँ, घर-परिवार की आन, मान, शान,जान बेटियाँ | सीता, सावित्री, दुर्गा सी होती वीरांगना बेटियाँ, आज जीत कर ला रहीं पदक, भारत की बेटियाँ | सादगी से बड़ी नहीं कोई […]

वो किस तरह आजमाते मिले है    झूठी  चाहत  जताते  मिले  है हमने देखी है फरेबी फितरत उनकी    वो हमसे अब नजरें चुराते मिले है वादे खूब करते रहे हंसाने के हमसे       और हमही को रुलाते मिले है मंजर खुशियों का मिलता नही है    जहर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।