बेटियां चकोर जैसी,चाँदनी को ताकने सी। चाहती है आगे बढ़े, इन्हे तो बढाइये। विद्यालय मे भेजना, समय हो तो खेलना। घर को सम्भाले सुता, खूब ही पढ़ाइये। रीत प्रीत व्यवहार, सीख सब संस्कार। भारती की आन को, बेटियों निभाइये। बेटियाँ ही होगी मात,लक्ष्मी दुरगा साक्षात। आज बात मेरी मान ,सब […]
