कितने रंग-रूप,रिश्तों में ढलने की वो कला में माहिर, कितने जख्मों को सहती पर करती न वो कभी भी जाहिर, हाँ स्त्री हूँ, हाँ नारी हूँ पर मैं कोई अभिशाप नहीं, जिंदा है अभी जज्बात मेरे, दोहरी छवि की कोई छाप नही, दया,त्याग,करूणा,साहस की वो अप्रतिम तस्वीर है, जीती हैं […]

महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं……….. मातृशक्ति के अनेक रुप कार्यशैली  इसकी अनूप । घर- आंगन की स्वच्छता और सेवा का  गुण खूब ।। माँ,बहन,बेटी,पत्नी रुप दोनों कर है दस अनुरुप । पढने -लिखने में है आगे मुकाम पाकर होय खुश ।। समझें खुद  को  अनुज कुल को दें छांव सहे […]

आज साहिर लुधियानवी का जन्मदिन है. साहिर का असली नाम अब्दुल हयी साहिर था, लेकिन उन्होंने इसे बदल कर साहिर लुधियानवी रख लिया था. उनका जन्म 8 मार्च, 1921 में लुधियाना के एक जागीरदार घराने में हुआ था. उनके पिता बेहद अमीर थे. घर में किसी चीज़ की कमी नहीं थी, लेकिन माता-पिता के अलगाव के बाद वह अपनी मां […]

मेरा देश आज दो नामों में बँट गया है भारत और इण्डिया भारत पूर्वीय दैवीय गुणाच्छादित सभ्यता का प्रतीक और इण्डिया पाश्चात्य सभ्यता का. भारत इण्डिया के भार से दबा जा रहा है अधोपतन के गर्त में डुबाया जा रहा है. भारत की सात्विक संस्कृति की छाती पर इण्डिया की […]

दीप की प्रकाश वो अखण्ड की सौभाग्य वो जीवन की आधार वो प्रज्जवलित है जिससे सारा जहाँ उसकी प्रकाश से मिट रहा अंधकार है नारी से ही तो संसार है । जन्म की आधार वो मातृत्व और संस्कार वो शालीनता की धार वो लोक लज्जा और विचार है। आन बान […]

पल-पल बीत रहा हर पल, धीरे-धीरे मौत आ रही पास | रह न जाये कोई अधूरी आस? बात कर, बंद मत कर बात, बुझ न सकेगी दिल की प्यास | जो बीती रात, फिर न आये रास || बुझा-बुझा सा मन और ये तन, हो रहा तू अब धीरे-धीरे उदास […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।