राहुल हैं, तो राहत है–ये नारा फ़िरदौस ख़ान ने दिया है. शायरा, कहानीकार व पत्रकार फ़िरदौस ख़ान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर एक ग़ज़ल भी लिख चुकी हैं. फ़िरदौस ख़ान को लफ़्ज़ों के जज़ीरे की शहज़ादी के नाम से जाना जाता है. वे पत्रकार, शायरा और कहानीकार हैं. वे कई भाषाओं की जानकार […]

  काश! मैं होता सांसद यह प्रश्न बार-बार मेरे जेहन में कौंधकर रहा है कि मुझे अब सांसद बनने जनता की अदालत में जाना चाहिए। इसलिए की मेरे सांसद ने मुझे, क्षेत्र और मूल्क को धोखा देकर विकास व समृद्धि को रोका है। यहां तक कि झोली में आई सांसद […]

मरीज़ो की कराहे , दर्द की आहें चारो और है,,, नर्सो और कम्पांउडरो के कदमों की आहटो का शौऱ है,, देख रहा हुं अस्पताल , जिसका जीवन में अहम दोऱ है,, कोई मरीज़ खामोश है, कोई चिल्ला रहा है,, कोई अफरातफरी में डॉक्टर को बुला रहा है,, मरीज़ व्याकुलता से […]

मंजर सुहाना भाने लगा है मुझे याद कोई आने लगा है मुझसे जो रूठ जाता था कभी वो शख्स मुझे ही मनाने लगा है बातें उसकी मुझको अच्छी लगी वो मुझे अब समझाने लगा है बनाके रखी थी ,दूरियां कभी नजदीक कितना आने लगा है मैंने जाना रिश्ते टूटते ही […]

बदला-बदला सा नज़ारा है फिर किसी ने हमें पुकारा है =================== वो शख्स हमें तकता ही नहीं जो हमको जान से प्यारा है =================== मैं मिट्टी का इक जर्रा हूँ तू आसमान का तारा है =================== किसको आवाज़ लगाऊँ अब तुम बिन न कोई सहारा है =================== फुर्सत हो तो […]

कहानी-संग्रह – इंतज़ार ‘अतीत के पन्नों से’ लेखिका – मालती मिश्रा प्रकाशन – समदर्शी प्रकाशन, भिवानी पृष्ठ – 146 कीमत – 175/- अतीत के पन्नों में झाँकते हुए मालती मिश्रा ने जिन कहानियों की रचना की है, उनका संकलन है “इंतज़ार अतीत के पन्नों से” । इस संकलन में तेरह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।