साज़िशें बनती रही मुझको मिटाने की, मैं इनायतें समझती रही ज़माने की, रखती हूं हौंसला आसमान  को छूने का, परवाह नहीं करती ज़मीन पर गिर जाने की, तज़ुर्बे से गिन लेती हूँ उड़ती चिड़िया के पर, आदत नहीं मुझे हवा में तीर चलाने की, उठती रही मैं  हरबार ज़िंदादिली के […]

गर्दभ वाहन पर होकर सवार शीतला माता देने आई दुलार । आगे चलें हनुमान पीछें भैरव माता देने आती शीतल बहार ।। दही संग शक्कर – चावल का नेवैद्य   बनें   अमृती  रसधार । ठंडा भोजन  बडा  गुणकारी रक्तचाप रोग में नियंत्रण कार ।। चेचक ,आसाध्य रोग दूर होय आएं जो […]

मन की इच्छा ऊचाइयां छूती है जो नित नये  सपने बुनती है पर सपने तो सपने होते है बिना कर्म कभी  पूरे नही होते है मन की इच्छा को यदि पूरा करना है देखे सपनो को यथार्थ में लाना है कर्म की कसौटी पर  उन्हें कसना होगा परिश्रम की चाशनी […]

दोहा- मेघपुष्प  पानी  सलिल, आपः  पाथः तोय। लिखूँ वन्दना वरुण की,निर्मल मति दे मोय।। चौपाई- प्रथम   गणेश   शारदे  वंदन। वरुण देव,पाठक अभिनंदन।।१ जल से जीवन यह जग जाना। जल मे  प्राणवायु  को   माना।।२ जल से जीव और  परजीवी। जल से वसुधा  बनी सजीवी।।३ जल से अन्न  अन्न से जीवन। जल […]

(1)रहेंगे साथ      बिछड़े पति-पत्नी      हुआ फैसला (2)फैसला आज      करना है समाप्त      आतंकवाद (3)है हरबार      फैसला दरकार      कोई भी वाद (4)राम मंदिर      कब तक फैसला      करेगा तंत्र (5)न्याय प्रक्रिया      बहुत लम्बा वक्त   […]

हरदम करता रहा सफर मैं बना न पाया कहीं भी घर मैं ================== लोगों ने आवाज़ बहुत दी लेकिन ठहरा नहीं किधर मैं ================== छोड़ गया जब तू ही मुझको क्या करता तनहा जीकर मैं ================== किससे-किससे बचूँगा कबतक सबके निशाने के ऊपर मैं ================== तू मंदिर की मूरत जैसी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।