खत्म हुआ वक़्त इंसानियत का, झूठ-फरेब का चला दौर है! सच्चाई को दबाने को, झूठी खबरों का सोशल साइट पर शोर है!! अपनी गलती ढकने को लोग,  दूसरों पर झूठे इल्जाम लगाते हैं! घर की बहन-बेटियों को, हथियार बनाने से भी नही कतराते हैं।! जिस थाली में खाया उसी में […]

मेरी बातों पे गौर कीजिए जरा समझिए,फिर दाद दीजिए जरा कब तक यूँ दूसरों पे हँसा करेंगे कोई लतीफा खुद पे भी लीजिए जरा क्या करेंगे पाकर बेमानी दौलत चाँद पाइए और फिर खीजिए जरा खुशी का मतलब पता तब चले गमों के आँसू जब पीजिए जरा इंसानियत क्या है,समझ […]

इन पलकों में हजारों ख्वाहिशों का बोझ लिए ,,,सपनो को जीना कितना सुखद होता है,,दिन भर निरंतर कोशिश करते रहना,,,और रात को उन कोशिशों को इन पलकों में सजाकर ख़्वाब की ओर नींद की आगोश में चले जाना,,,,कि अगली सुबह वो जरूर पूरे होंगे,और न भी हुए तो क्या गम,फिर […]

ये नेत्र मनुज के जन्मों से, सुखः दुःख दरश् पिपासू है। नयन सेज संचय से बहता, यह सीकर झरना आँसू है। मन के पावनतम भावो का, रस कल्पासव ही आँसू है। खुशियाँ,गम दोनों ले आते, बरबस जिज्ञासू आँसू है। उभय वर्गीय जीवन  इनका, यौवन जीवन है कुछ पल का। किसी […]

जब अवसर मिला तब किया नही जनता से वायदा निभाया नही सांसद से मिलने को  तरसी थी जनता पांच साल तक सुध लेने आया नही अब फिर दर पर आ रहे है झूठे वायदे दोहरा रहे है जाति धर्म का वास्ता देकर सत्ता की रोटी पका रहे है अभी भी […]

बिहार कथा….. पूरी दुनिया में लोगों को इन्साफ उनकी भाषा में ही मिलता है। हमारे देश में भी राजाओं – महाराजाओं के जमाने से यही होता रहा है। अगर भारत पर विदेशी सत्ता कायम नहीं होती तो अब भी यही हो रहा होता। पर शायद हम दुनिया जैसे नहीं हैं। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।