कभी-कभी सुबह-सुबह देखने आना- वह नदी, जो बचपन से बह रही है, वह पहाड़, जो अडिग है, वह मृत्यु ,जो पल पल देखी गयी है, वह समुद्र, जो गरजता रहता है, वह जंगल, जो बीहड़ हो चुका है। रास्ते जो कटे -फटे हैं, पेड़ जो कट रहे हैं, देश जो […]
जाओ, तल्ख़ ख़बर लाओ जी ना हो तो तुम बन जाओ जी तरसे तन जिनके गमछे बिन उनके लिए कफ़न लाओ जी सीधी राह जो चलते हो तो धूल-धुंध में सन जाओ जी खुले वसन इच्छा सोई है उसके लिए बटन लाओ जी विधुर स्वप्न भटके मन-द्वारे यादें ! रमणी […]
क्या क्या सुने और क्या कहे, इस दुनियां के लोगों को । क्योकि कोई किसी को, सुनने को तैयार नही। सब को अपनी अपनी, बाते ही कहना है / और अपनी ही प्रसन्नता, को सिर्फ सुनना है। आज कल साहित्य साहित्यकार, बीनमोल बिक रहे है / अपनी बोलियां बाजार में, […]
मैं कितना हरा-भरा था छाया में तुम मेरी रहते थे पाकर मेरी शीतलता ठंडी-ठंडी आहे भरते थे ……………… ….. चांदी जैसी चमकीली बूंदे मेरे तन पर रहती थी कल- कल नदी की धारा मेरे चरणों में बहती थी ………………. कितने सुखद पल थे वाे जब पक्षी वहा मंडराते थे थके […]
अनसुलझा हुआ सा हूँ थोड़ा सुलझा दो मुझे भी कंही खोया हुआ सा हूँ खुद से मिला दो मुझे भी .. नही मिला पाओगे मुझे मुझमे ही डूब जाओगे हां पता है मुझे…. वो साथ मेंरे यूँ चलना तेरा हाथो में हाथ मेरे रखना तेरा वो हँसी पे यूँ हँसना […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।