तन्हा उड़ रहा था वो गगन में कोई साथी न कोई हम-परवाज़ फिर भी मस्त था अपनी धुन में उड़ा जा रहा था तभी दूर फ़ज़ा में झुंड इक आवारा सा देखा उसने जी चाहा उसका सँग झुंड के घूम ले वो भी आकाश सारा फिर अचानक सोच में डूब […]

धानी चूनर आज ओढ़ाकर,  धरती की लाज बचाएँ हम | पर्यावरण सुरक्षित रखकर, प्रदूषण दूर भगाएँ हम | हरी -भरी जब रहे वसुंधरा, देती जीवन दान है | समृद्धि हर ओर है होती, होती होठों मुस्कान है | एक -एक मानव पेड़ लगाकर, हरियाली आज बचाले जो, *पृथ्वी दिवस* सुनहरा […]

“बधाई हो माजी लड़की हुई है” दरवाजे के पास ही बैठी हुई शैला से नर्स आकर कहती है। “क्या फिर से लड़की है?”  यह कहते हुए शैला के लफ्ज उसके गले में ही अटक जाते हैं। वह रूआसी-सी होकर नर्स की तरफ देखती है। मुस्कुराती हुई नर्स का चेहरा शैला […]

इंदौर । शहर के लेखक, लघुकथाकार एवं क्षितिज साहित्य संस्था से संबद्ध राममूरत राही को फरीदाबाद(हरियाणा) में लघुकथा विधा में पुरस्कृत किया गया। फरीदाबाद में अखिल भारतीय माँ शकुंतला कपूर स्मृति लघुकथा प्रतियोगिता में राममूरत राही को उनकी लघुकथा ‘लौटी मुस्कान’ को रविवार को एक कार्यक्रम में श्रेष्ठ लघुकथा का […]

       पिछले दिनों दिनॉक १३-०४-१९ को साहित्यकार सुरेश सौरभ की लघुकथा कबाड़ी पर आधारित लघुफिल्म फिल्म “कबाड़ी” का फिल्मांकन शिव सिंह सागर के निर्देशन में, फतेहपुर जिले में  किया गया। फिल्म का निर्माण जयंत  इंटरटेनमेन्ट फतेहपुर ने किया है। फिल्म में मालिक की भूमिका में- महेन्द्र सिंह यादव, कबाड़ी की […]

जो मकाँ बनाते हैं,वो अपना घर नहीं बना पाते रेगिस्तान में उगने वाले पौधे जड़ नहीं बना पाते जिन्हें आदत हैं औरों के रहमो-करम पे जीने के वो कूबत होते हुए भी अपना डर नहीं बना पाते जो पहचानते हैं इंसानों को सिर्फ औकात से वो कभी किसी के दिल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।