पिंकी के फोन की घंटी बजती है पिंकी “हेलो कौन” उधर से आवाज आती है “मैं रेनू कैसी हो पिंकी” पिंकी खुशी से झूम उठती है “अरे रेनू तुम कहाँ हो? तुम्हारा नंबर भी नहीं लगता,शादी के बाद से तो तुम्हारी कोई खबर ही नहीं है। भूल गई क्या अपनी […]

आशीष और सपना शादी के बाद अपनी जॉब की वजय से अपने संयुक्त परिवार में ना रहकर गुड़गांव के दो कमरे के फ्लैट में अपना जीवन यापन कर रहे हैं।उन दोनों की शादी को लगभग पंद्रह साल हो गए हैं और एक बारह वर्षीय पुत्री के माता पिता है।   […]

शब्दों ने ओढी खामोशी बोले मेरी निगाहें। मेहंदी, कंगना, कजरा, गजरा फूल तुम्हें छूने को आतुर अल्हा , कजरी, फाग सभी के शरमीले से लगते है सुर नजर, नजर से कहे, नजारे हम तो कुछ न चाहे शब्दों ने ओढी खामोशी बोले मेरी निगाहें । तुम्हे देखकर भोर सुहाए सांझ […]

चुनावों का मौसम चल रहा है, वोटों की गर्मा-गर्मी है! किसान का हाल देखो, उसकी नस नस में तना-तनी है!! नेता वोट बटोरने में हैं व्यस्त, जा रहे हैं ये जनता के द्वार! किसान को लपेटा आग ने, तो कभी पड़ी ओलों की मार!! दिन-रात कुर्सी के लिए, ये सफेदपोश […]

होते खुश दीना नाथ रहो सदा साथ-साथ करो नित खुले हाथ *दान ही महान है।* कभी नहीं भेद करें यही सदा वेद कहे नीर नहीं छेद करें *दान ही जहान है।* कर्म नेक दान होये आन वान शान होये चहुँ ओर गान होये *दान ही उत्थान है।* कहें सारे धर्म […]

वो तो ठहरा घूसखोर अपना वजूद रोज मिटाता चंद सिक्को की खातिर नैतिकता परे हटाता जाता। उसके लिए आर्दश धन बल धनबल के आगे नही जनबल वो ठहरा धन का पुजारी काम नही आता वहाँ आँसूबल क्योंकि वो ठहरा घूसखोर। कार्य अनेको होते मगर करता उसी का जो लगाते धन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।