मुरझाये चेहरे को हमेशा मुस्कान देती माँ तो माँ है देखते ही दर्द पहचान लेती। जब कभी उदास हो जाऊँ माँ चुटकियों से हँसा देती माँ तो माँ है देखते ही दर्द पहचान लेती। जब भी ठोकर खाऊँ फूक मारकर दर्द भगा देती माँ तो माँ है देखते ही दर्द […]

जय – राम…..राम मौसी मौसी – अरे! जय बेटा ….राम- राम ….कहो कैसे आना हुआ ? जय – मौसी…बस यहाँ से गुज़र रहा था सोचा आपको एक खुशखबरी देता चलूँ। मौसी – खुशखबरी ….कैसी ख़ुशख़बरी बेटा ? जय – मौसी अपना जो वीरू है ना, वो जल्द ही बहुत बड़ा नेता बनने वाला है। मौसी – अच्छा! ….तो फिर इतना पूछना बनता […]

मैं   पीड़ा   हूँ  उस   दरिद्र  की जो  नित  भूखा  सो  जाता  है पीने  को    तो  आंसू  खूब  हैं भूख   लगे   तो गम  खाता  है मैं  पीड़ा  हूँ   उन   हाथों   की जो   दिन  –  रात   कमाता है वो   सो   जाता   है   खुले  में जो  औरों  के   घर  बनता  है मैं  […]

हम क्या से क्या हो गये भ्रम में पड़े बीमार हो गये हिंदू-मुस्लिम करते-करते खूनी दंगों के शिकार हो गये मंदिर-मस्जिद बनाते-बनाते हम स्वयं के घर से बेघर हो गये सही क्या और गलत क्या पता लगाते-लगाते गुम हो गये छलावे से भरा रौनकी बाजार झूठे यहाँ माला-माल हो गये […]

*साहित्य के क्षेत्र में अनूठा होगा तिनसुकिया का यह साहित्यिक आयोजन- संजय त्रिवेदी*  १० मई/तिनसुकिया संवाद/  साहित्य संगम संस्थान तिनसुकिया शाखा के पदाधिकारियों की वार्षिकोत्सव की तैयारियों को लेकर आज तिनसुकिया में एक मीटिंग हुई । मीटिंग की अध्यक्षता साहित्य संगम संस्थान तिनसुकिया शाखा के अध्यक्ष प्रतिष्ठित व्यवसायी संजय त्रिवेदी […]

सनाया तीन बहनों में सबसे बड़ी थी। उसकी शादी हो चुकी थी। उसकी दो छोटी बहनें शहर के प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़ती थीं। सनाया का प्रायः अपने मायके आना-जाना होता रहता था। इस कारण वह मायके में होने वाले हर हलचल से परिचित रहती थी। उसकी दोनों बहनें सुन्दर होने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।