ख्वाबों का खैर मकदम ज़रूरी है किसी हसीं की नजरें करम ज़रूरी है । उम्रे सफ़र के रास्ते कटे आराम से ज़िन्दगी में कोई हमदम ज़रूरी है । तू रहे,मै भी रहूँ और ये कायनात भी दिलों में मुहब्बत ,ऐ सनम ज़रूरी है । फिक्रे दूनियाँ में सर खपाने के […]

चुनाव परिणाम आये नही हवा में दे दी उन्होंने तान जो चैनल बिक चुके है कर रहे है साहेब का गुणगान जिन वोटरों ने वोट दी थी उनसे किसी ने पूछा तक नही बस महिमा मंडन साहेब का हो किसी ओर से तो मतलब नही सोचा नही था निष्पक्ष मीडिया […]

संस्कृति की जन्भदात्री है, यह हमारा देश। अलग-अलग धर्म है,तनिक भी नहीं द्वेष।। ऋषि मुनि गुरूजन का , संस्कृत था प्राण। रचते-रचते रच दिए,कितने ही वेद-पुराण।। धरा रही दानवों की,भूल गयी संस्कृति। हिंसात्मक न सोच हो, ना फैलेगी विकृति।। संस्कृत से समाज का,कालान्तर से उद्धार। नित-दिन उजागर हो,सभ्यता का द्वार।। […]

सुना  है   बहुत  मंद  उजाले   है   मधुशाला  में , शायद जुगनू भटकते है वहाँ दिन ढले पैमानों में, शब्दो को यूँ  तो  हर कोई गुनगुनाता है अक्सर, मतलब समझ आता है उनको जो खुद को डूबा आया    मधुशाला    के    मय    के   प्यालो   में , मधुशाला में […]

आज फिर एक नवविवाहिता दुनिया से विदा हो गई मांँ की लाडली पिता की दुलारी मौत की नींद सो गई न बता सकी तकलीफ अपनी न सुना सकी दर्द अपना सही होगी न जाने कितनी पीड़ा डूबी होगी जरुर दर्द के सागर में आज फिर एक बेटी मांँ- बाप से […]

मैसूर (कर्नाटक) | स्थित इंफोसिस के स्टेट-ऑफ-द-आर्ट लाइब्रेरी ने डा. स्वयंभू शलभ की चर्चित किताब ‘कोई एक आशियाँ’ को अपने संग्रह में शामिल किया है। इसकी सूचना लाइब्रेरी एसोसिएट श्री वीरय्या रुद्रीय ने मेल के जरिये दी। बिहार के किसी लेखक की किताब का इस विश्व स्तरीय लाइब्रेरी में स्थान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।