नई लोकसभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। यह हर्ष का विषय है कि राष्ट्रीयता व देश-प्रेम इन चुनावों में प्रमुखता से उभर कर आए हैं । यह सार्वभौमिक सत्य है कि भाषा-संस्कृति किसी भी देश की राष्ट्रीयता का प्रमुख आधार होते हैं। भाषा के माध्यम से संस्कृति आगे बढ़ती […]

जीवन है क्षण भंगुर मान इसका कीजिए कब आ जाये किसका बुलावा यह बात समझ लीजिए एक बार जीवन गया फिर न मिल पायेगा जीवन मे अच्छा करने का स्वपन धरा रह जायेगा मेरी मानो जीवन का हर क्षण सार्थक अब कीजिए दो घड़ी समय निकाल कर परमात्मा को याद […]

साथियो आज में आपको जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई बताने का एक प्रयास कर रहा हूँ। जो भी मनुष्य इस संसार में आता है। उसे एक दिन तो अवश्य ही इस संसार से  जाना है। जब तक हम इस संसार में रहते है तब तक सब अपने अनुकूल हम लोग […]

घोर कलयुग है भइये, समय के साथ चलिए कुछ बनों या ना बनों पर कलयुगी बन जाइये।। सारा हुनर कारीगरी, चालाकियां और होशियारी आपका अपना है सब, जब चाहें तब अपनाइये जब दूसरे की बात हो , मासूम सा बन जाइये कुछ बनों या ना बनों पर ,कलयुगी बन जाइये।। […]

फिसलते नीयत का बोलवाला जिधर देखो नजर आए घोटाला। सादा जीवन नेक संदेश सब चढ गए विलासिता को भेंट। स्वार्थी बोल स्वार्थी भाषण जिधर देखो मिल जाते पार्टी कोई हो सब मिल-बाँटकर खाते। जबसे आया डिजिटल इंडिया सब हैक हो जाता जब तक पता चलता शाॅपिंग हो जाता । अब […]

सुधी साहित्यकार डॉ0 मृदुला शुक्ला “मृदु” की काव्य-कृति शतदल का मैंने गहन अवलोकन किया। इस कृति में 100 स्फुट रचनाएँ हैं। अर्थात मुक्तक कवितारूपी 100 पंखुड़ियाँ हैं, जो भक्ति-भावना,प्रेम-भावना,राष्ट्र-प्रेम एवं नैतिकतापूर्ण भावनाओं से ओत-प्रोत हैं। कवयित्री के द्वारा जिन वैविध्य विषयक भावों को जिस सहजता एवं सौष्ठव के साथ प्रस्तुत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।