नित चमन के फूलों को मसल कर आंगन की बगिया ही उजड़ रही मिलता क्या है ऐसे कुकर्मो से नन्हीं-नन्ही बिटिया सिमट रही। अभी चलना भी नही सीखा था उसने बोलती भी अधूरी ही थी कैसे कैसे जुल्म किए तूने सारी मानवता ही हिल रही अक्ल के दुश्मन तुझे दया […]
जिसमें भावनाएं, सौंदर्य, साक्ष्य, उलाहना, तंज, पीर ,पीड़ा, पक्ष, विपक्ष, प्रधानता ,प्रमाणिकता, कथन ,कहानी, अनुराग, कुंठा, विरह, विष, विचार, विषमता, समर्पण, सुक्ष्म, सार आदि तो उपस्थित होता है ,किन्तु इसके परे भी होता है शिल्प, प्रसंग और प्रहार। जी हाँ, बात कविता की हो रही है तो इस बात का […]
हक के लिए आवाज उठाया तो सही, आवाज में हमारे वजनदारी चाहिए । देश हमारा प्यारा,श्रेष्ठ और सच्चा है, बस देशवाशियों में भी ईमानदारी चाहिए । भ्रष्टाचार अभी चरम सीमा पर है, बस हमें सच्चे अधिकारी चाहिए । आरोपियों को कड़ी-से-कड़ी सजा मिले, जल्द-से-जल्द हमारी माँग पूरी चाहिए । आरोपियों […]
अभी 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया गया।यह साल वायु प्रदूषण के विषय पर है इससे पहले 2018 में हमने इसी दिवस को प्लास्टिक प्रदूषण को हराना है विषय पर मनाया था वायु सबसे बड़ा माध्यम है प्रदूषण को इधर उधर पहुंचाने का।इसीलिए कई बार इसे […]
आवश्यकता है आज हमें युवाओं को सन्मार्ग दिखाने की जो राह भटककर पतित हुए उन्हें फिर से पवित्र बनाने की उनकी अबोधता को समझकर हमे उन्हें बोधता में बदलना होगा देश के भविष्य , नई पीढ़ी को हमे कसौटियों से कसना होगा बुजुर्गों का अनुभव, युवाओं की शक्ति रचनात्मक क्रांति […]
मत रो मेरे दिल चूप हो जा बहोत हो गई रात चल अब सो जा। बहोत बुरा उसने तेरे साथ किया दर्द नाम तेरी जिंदगी को दिया। रचाकर मेंहदी किसी के नाम की तेरा जिना उसने हराम की उसके घर से उठी उसकी डोली तेरे दर से उठा उलफत का […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।