शिव महिमा का गायन हो रहा शिवभेष में कांवड़ियां चल रहा रंग बिरंगी कांवडे सजी हुई कांवड़ पटरी पर कतार लगी हुई बोल बम, हर कोई बोल रहा शिव साधना में स्वयं को साध रहा विकार छोड़ने का यही अवसर है पवित्र बनने का स्वर्णिम अवसर है शिव साधक हो, […]
Uncategorized
अग्नि ,मधु विधा ,सामोपासना,प्राणोपासना के द्वारा अतिइन्द्रिय ग्राह्य को इन्द्रिय ग्राह्य बनाने की चेष्टा मानव के जीवन की सबसे बड़ी अभिलाषा रही है इसी कारण ब्रह्म की निराकारिता को खंडित किये बिना तादात्म्य स्थापित करने की गूढ आत्मीय चेतना का रहस्यमयी आभास रसानुभूति है! यह दशा मानवता की उच्चस्तरीय सीढ़ी […]
